उत्तर प्रदेश की प्रमुख योजनाएं/ नीतियां (पार्ट-1)
1.उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना:
घोषणा- 29 मई, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा
आवश्यकता- कोविड-19 महामारी के कारण निराश्रित हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए
पात्र - 0-18 वर्ष के आयु वर्ग वाले वे बच्चे जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं।
वित्तीय सहायता - सरकार द्वारा बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक को प्रतिमाह 4000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का प्रवधान
प्रमुख तथ्य:
- योजनांतर्गत परिवार की वार्षिक आय सीमा 2 लाख रुपये निर्धारित, जिसे जून, 2021 में बढाकर 3 लाख रुपये कर दिया हैं।
- 10 वर्ष से कम आयु के वे बच्चे जिनके अभिभावक नहीं हैं, को प्रदेश सरकार द्वारा भारत की सहायता से राजकीय बालगृह में देख - रेख के लिए रखा जाएगा।
- अनाथ हुए बच्चे/बच्चियों को भारत सरकार द्वारा सेचालित तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय), राजकीय बालगृहों आदि में कक्षा 12 तक मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
लाभ:
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता/माता या पिता/विधिक अभिभावक/आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु 1 मार्च 2020 के बाद कोविड-19 के कारण हुई हो
- निराश्रित बालिकाओं की 18 वर्ष की आयु के पश्चात शादी हेतु प्रदेश सरकार 1,01,000 हजार रुपये प्रदान करने की व्यवस्तथा
- बच्चे के चल-अचल संपत्ति की सुरक्षा की व्यवस्था
- उच्चतर माध्यमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप का वितरण करने की व्यवस्था
2.उत्तर प्रदेश कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना:
प्रमुख तथ्य:
- यह योजना अधिसूचना जारी होने के 1 वर्ष तक प्रभावी रहेंगी।
- योजना का लाभ लेने हेतु पात्र इकाई को किसी भी कॉमर्शियल बैंक या सिडबी में आवेदन करना होगा।
- पात्र इकाइयों के लिए रिवॉल्विंग फंड का निर्माण और उन्हें उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम अधि., 2020 के अंतर्गत 72 घंटे में एनओसी प्रदानकरना।
- केंद्र सरकार से संबंधित एनओसी दिलवाने में फास्ट ट्रैक मोड में मदद करवाने की व्यवस्था
वित्तीय सहायता:
- पात्र इकाइयो को प्लांट, मशीनरी और यंत्रों की स्थापना हेुतु कुल व्यय का 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 करोड रुपये तक की वित्तीय सहायता की कैपिटल सब्सिडी के रूप में प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- जीएसटी-एमएसई योजना के तहत भुगतान की गई राशि कि प्रतिपूर्ति भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
- यह वित्तीय सहायता इकाई के कार्यरत होने के दावे के आधार पर दी जाएगी।
3.शहरी प्रवासियों के लिए किफायती किराए की आवास योजना:
शुभारंभ -- 26 मार्च, 2021 को
प्राथमिकता -- विधवाओं, कामकाजी महिलाओं, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां, अन्य पिछडे वर्ग के लोगों को
प्रमुख तथ्य -- लाभार्थियों के लिए किराए के आवास परिसरों के निर्माण, संचालन और रख-रखाव के लिए निजी और सार्वजनिक संश्थानों की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लागू की जाएगी।
आवश्यकता -- छात्रों, शहरों में रहने वाले गरीब लोगों और शहरी प्रवासियों हेतु किफायती किराए के आवास और परिसर उपलब्ध कराने हेतु
4. मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक विकास योजना:
उद्देश्य -- कोरोना महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के फलस्वरूप विभिन्न प्रदेशों से वापस आए श्रमिकों एवं कामगारों को रोजगार एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराना
मुख्य तथ्य -- स्वरोजगार स्थापित करने के लिए ग्रामीण श्रमिक महिलाओं को 10लाख रु. तक की ऋण सहायता राशि बिना किसी ब्याज के प्रदान करने की व्यवस्था।
वहीं पुरुष श्रमिकों को 4 प्रतिशत की ब्याज दर से 10लाख रु. तक का ऋण प्रदान करने की व्यवस्था
बजट 2021-22 -- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये का प्रावधान
5.मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना:
पूर्व नाम -- मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना
शुभारंभ -- 21 जनवरी. 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
संचालन -- जिलाधिकारियों के माध्यम से
पात्रता -- किसान और उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र औप पौत्री के साथ ही बटाईदार भी पात्र होगा
योजनांतर्गत 18 से 70 वर्ष तक की आयु के किसान पात्र होंगे
आवश्यकता -- राज्य के कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिवयांगता की स्थिति में इस योजना के प्रस्ताव को मंजूरी
बजट -- वर्ष 2020-21 हेतु 500 करोड़ रु. तथा वर्ष 2021-22 हेतु 600 करोड़ रु. का आवंटन
वित्तपोषण -- शत-प्रतिशत राज्य सरकार
- प्रमुख तथ्य --
- कृषक की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता होने की दशामें उसके विधिक होने की दशा में उसके विधिक वारिस/वारिसों/स्वयं कृषकको सामाजिक सुरक्षा के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये प्रदान कराने का प्रावधान
- इसके अलावा किसान अथवा उसके परिजन की 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता की स्थिति में 2 लाख रुपये की राशि देने का प्रावधान
- योजना का आच्छादन बढ़ाते हुए पात्रता की श्रेणी में रखे गए अन्य व्यक्ति
- खातेदार एवं सह-खातेदार किसानों के परिवारों के कमाऊ सदस्य
- ऐसे भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त भूमि पर अथवा बटाई पर खेती करते हैं।
6.मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना:
21 जनवरी, 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रिया निर्धारित करने से संंबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
पर्यटन केंद्र का चयन - संबंधित विधायक एवं जिलाधिकारी की संस्तुति के अनुसार
बजट -- वर्ष 2021-22 में 200 करोड रुपये का आंवटन
बित्तीयन - पर्यटन विभाग, विधायतक निधि, एवं सी,एस,आर, निधि से प्राप्त धनराशि द्वारा
योजना की देखभाल - स्थानीय निकाय/ग्राम पंचायतों अथवा प्रबंध समितियों का गठन करके
विशेषताएं--
- उत्तर प्रदेश में स्थित महत्वपूर्ण धार्मिक, आध्यात्मिक, प्राचीन, सांस्कृतिक आदि स्थलोंका सतत विकास एवं संवर्धन करना
- प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक पर्यटन स्थल को विकसित करना
7.मु्ख्यमंत्री निराश्रित/बेसहार गोवंश सहभागिता योजना:(गौ संरक्षण योजना)
मंजूरी- 6 अगस्त, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
विशेषता - इस योजनांतर्गत निराश्रित/बेसहारा गोवंश इच्छुक कृषकों, पशुपालकों एवं अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किए जाएंगे।
प्रमुख तथ्य
- योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रथम चरण में 1 लाख गोवंश को सुपुर्द किए जाने का प्रस्ताव
- प्रथम चरण हेतु व्यय अनुमान
- 1 अरब 9 करोड़ 50 लाख रुपये होगा।
जिलाधिकारी द्वारा चिह्नित ऐसे इच्छुक कृषकों/पशुपालकों/अन्य व्यक्तियों को 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से भरण-पोषण हेतु धनराशि बैंक खाते में प्रतिमाह हस्तांतरित (डी.बी.टी. प्रक्रिया से) होंगें
8. वृद्धावस्था पेंशन योजना:
निर्णय - 11 जून, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त वृद्धावस्था पेंशन राशि में वृद्धि
पात्र - 60-79 वर्ष की आयु वाले वृद्धजन
पेंशन राशि - 400रुपये से बढ़ाकर अब सरकार 500 रुपये कर दी।
- जिसमें 300 रुपये राज्य सरकार तथा 200 रुपये केंद्र सरकार शामिल हैं
संचालन - राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत
नोट: - 80 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के वृद्धजनों को 500 रुपये की धनराशि प्रतिमाह शत-प्रतिशत (100%) केंद्र सरकार से पेंशन के रूप में प्रदान की जा रही है।
9. कन्य सुमंगला योजना:
शुभारंभ - 25 अक्टूबर, 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
लागू - 1 अप्रैल, 2019 से 6 श्रेणियों में
संचालन - महिला कल्याण विभाग द्वारा
वित्तीय सहायता - जन्म से लेकर बेटी के स्नातक शिक्षा पूरी होेने तक 6 चरणों में 15 हजार रुपये प्रदेश सरकार द्वारा देने का प्रावधान
प्रमुख तथ्य - लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक अधिकतम आय सीमा 3 लाख रुपये निर्धारित
बजट आवंटन - वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य बजट द्वारा योजना संचालन हेतु 1200 करोड़ रुपये की राशि आवंटित
लाभ -
- किसी परिवार की अधिकतम 2 बच्चियों को
- किसी महिला को यदि पहले प्रसव से बालिका व दूसरे प्रसव से जुड़वा बालिकाएं हों तो तीनों को लाभ देने का प्रावधान
- यदि किसी परिवार द्वारा अनाथ बालिका गोद ली गई है, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप मे गोद ली गई संतानों को शामिल करते हुए अधिकतम 2 बालिकाएं लाभित होंगी
10.मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना
उद्देश्य - राज्य के किसानों और कमजोर वर्ग के लोगों को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना
पात्रता - ऐसे मुखिया या रोटी अर्जक जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हैं एवं जो खातेदार/सहखातेदार के रूप में खतौनी में दर्ज हैं या जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 75000 रुपये से कम है
मुआवजा - पात्र मुखिया की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपये देने का प्रावधान
पात्र मुखिया रोटी अर्जन के स्वयं तथा परिवार के सभी सदस्यों के दुर्घटना होने पर 2.5लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज तथा आवश्यकता पड़ने पर 1 लाख रुपये तक कृत्रिम अंग लगाए जाने की व्यवस्था
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