Uttar Pradesh schedule tribes |
देश में कुल जनजातियाँ की आबादी का 1.09% जनजातियाँ उत्तर प्रदेश में रहती हैं।
जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल आबादी का ये 0.6% हैं।
1967 में (उत्तर प्रदेश + उत्तराखंड) 5 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया।
1.ओटिया, 2. बुक्सा 3.जौनसारी 4. थारू, 5.राजी जनजाति
जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल आबादी का ये 0.6% हैं।
1967 में (उत्तर प्रदेश + उत्तराखंड) 5 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया।
1.ओटिया, 2. बुक्सा 3.जौनसारी 4. थारू, 5.राजी जनजाति
उत्तर प्रदेश में पायी जाने वाली प्रमुख जनजाति:-
गोंड़ बुक्सा थारू जौनसारी राजी खरवार माहीगीर
थारू जनजाति:-
- गोरखपुर के तराई क्षेत्र में निवास करती हैं.
- प्रमुख वंश - किरात वंश
- प्रमुख भोजन - चावल
- छोटा कद, चौड़ा मुख एवं पीली चमड़ी
- दोपहर के भोजन को --- मिझनी
- रात्रि के भोजन को -- बेरी
- दीपावली को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं।
- भवन निर्माण - लकड़ी के लट्ठों तथा नरकुलों से
- प्रथा - संयुक्त परिवार प्रथा
- बदला विवाह प्रचलित हैं।
- इनकी शिक्षा एवं विकास के लिए सरकार द्वारा लखीमपुर खीरी में एक महाविद्यालय की स्थापना की गई
- प्रमुख पर्व - बजहर
- थारू विकास परियोजना - 2 अक्टूबर 1980
जौनसारी जनजाति:
- प्रमुख उत्सव : विक्सू, पांचोई और दियाई
- लोक नृत्य : घूमसू, धीई, धूंडचा, सराई, अंडे-कांडे रासो, झेला, घोड़ों तथा जंगबाजी
बुक्सा जनजाति:
- प्रमुख क्षेत्र - बिजनौर जिला
- बोलचाल में हिन्दी का प्रयोग
- पंचायत का सर्वोच्च व्यक्ति - तखत
- अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार- कृषि
- प्रमुख आराध्य - चामुंड़ा देवी
- संबंध - पटवार राजपूत घराने से
- बुक्सा विकास परियोजना - 1983-84
माहीगीर जनजाति:
- प्रमुख क्षेत्र - बिजनौर जिला
- प्रमुख धर्म - इस्लाम
- अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार - मछली पकड़ना
खरवार जनजाति:
- प्रमुख क्षेत्र - सोनभद्र
- प्रमुख नृत्य - करमा
- प्रमुख देवता - बधउस, वनसंती, दूल्हादेव, घमसान, गोरइया
- मूल निवास - पलामू (झारखंड)
- उप-जातियां : सूरजवंशी, पतबंदी, दौलतबंदी, खेरी, राउत, मौगती, मोझायाली, गोजू और आर्मिया आदि
महत्वपूर्ण तथ्य
- उत्तर प्रदेश के जालौन एवं अयोध्या जिलों में एक भी जनजातियां नहीं पाई जाती हैं।
- जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक बड़ी जनजातीय समूह क्रम (आरोही क्रम) में गोंड>खरवार>थारू
- थारू जनजाति के लोगों को शिक्षा प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा महाविद्यालय की स्थापना की गई- लखीमपुर खीरी में
- उत्तर प्रदेश राज्य के अनुसूचित जाति विकास निगम द्वारा 2001-02 में लागू की गई योजना थी - सेनेट्री मार्ट योजना (उद्देश्य - सिर पर मैला ढोने पर रोक के बाद बेरोजगार हुए लोगों को रोजगार प्रदान करना)
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